हाथ पर बंधवायें कलावा, माथे पर तिलक : निभायें भाई दूज की पौराणिक परंपरा

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प्रति वर्ष कार्तिक मास की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि रविवार 3 नवम्बर को है।

भाई दूज के अवसर पर बहन अपने भाई के माथे पर मंगल कामनाओं के साथ तिलक लगाती है, साथ ही कलाई पर कलावा बांधती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाई दूज के अवसर पर जो भाई अपनी बहन से तिलक करवाता है उसकी अकाल मृत्यु नही होती।

कहते हैं कि यमराज की बहन यमुना ने इसी दिन अपने भाई की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिये व्रत रखा था, और यमराज अपनी बहन से मिलने पहुंचे थे। इस दिन भाई बहन के यमुना नदी में स्नान का भी महत्व माना जाता है।

तिलक का शुभ मुहूर्त

भाई दूज पर तिलक के लिये शुभ मुहूर्त रविवार 3 नवम्बर को दोपहर 1बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 22 मिनट तक है।

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