मैनपुर के बुजुर्ग अहमद बेग का मामला : विवादित भूमि पर दान की अनुमति से इंकार, न्यायालय कलेक्टर ने किया आवेदन खारिज

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किरीट ठक्कर, गरियाबंद। विगत 18 जुलाई मैनपुर के 80 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक अहमद बेग न्याय की मांग को लेकर जिला मुख्यालय में भूख हड़ताल पर बैठ गये थे, उनका कहना था मुझे न्याय चाहिये, मांग थी कि उन्हें उनकी जमीन/घर का कब्जा दिलाया जाये।

तत्समय 80 साल के एक बुजुर्ग के आमरण अनशन को लेकर स्थानीय प्रशासन भी दबाव में आ गया था, मीडिया ने भी खूब सुर्खियां बटोरी, किसी तरह मैनपुर एसडीएम तुलसीदास मरकाम ने उन्हें समझा बुझाकर भूख हड़ताल समाप्त करवाई।

मैनपुर एसडीएम तुलसीदास मरकाम के साथ अहमद बेग

इस मामले में आगे की पड़ताल के अनुसार अहमद बेग द्वारा सम्पति के दान के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया गया है।

न्यायालय कलेक्टर, जिला गरियाबंद ने अहमद बेग पिता इमाम बेग, निवासी मैनपुर द्वारा प्रस्तुत दान की अनुमति संबंधी आवेदन को खारिज कर दिया है।

मामला ग्राम मैनपुरकला तहसील मैनपुर स्थित परिवर्तित भूमि खसरा नंबर 31/2, रकबा 0.10 हेक्टेयर एवं उस पर निर्मित भवन का है। आवेदक ने उक्त भूमि को अपने पुत्र रिजवान बेग के पक्ष में दान करने हेतु अनुमति मांगी थी।

जांच प्रतिवेदन अनुसार भूमि विभाज्य योग्य है और उस पर कब्जा एवं स्वामित्व को लेकर पक्षकारों एवं आपत्तिकर्ताओं के बीच विवाद की स्थिति है। न्यायालय ने कहा कि मुस्लिम विधि के अंतर्गत हिबा (दान) तभी विधिमान्य माना जाता है जब दान की गई संपत्ति निर्विवाद हो और दानग्रहीता को कब्जा प्रदान किया जा सके।

न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय के दृष्टांत अब्दुल रहीम बनाम एस.के.अब्दुल जब्बार (2009) का हवाला देते हुये माना कि विवादित एवं विभाज्य भूमि पर हिबा संभव नहीं है।

इसी आधार पर कलेक्टर न्यायालय ने अधीनस्थ राजस्व अधिकारियों की अनुशंसा को त्रुटिपूर्ण मानते हुये आवेदक अहमद बेग का आवेदन अस्वीकार कर दिया और दान की अनुमति देने से इंकार कर दिया है।

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