
महासमुंद। शनिवार सुबह तुमगांव नगर पंचायत अध्यक्ष बलरामकांत साहू की गिरफ्तारी की खबर सामने आई है, पुलिस का कहना है कि बीती रात कुछ महिलाओं ने थाने में बलरामकान्त के विरुद्ध शिकायत दर्ज कराई है, उक्त महिलाओं का आरोप है कि बलरामकांत साहू ने उनसे छेड़छाड़ की और पेट्रोल डालकर घर जला देने की धमकी दी। एफआईआर के बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है, पुलिस का दावा है कि यह गिरफ्तारी छेड़छाड़ और धमकी के गंभीर आरोपों पर हुई है, लेकिन तुमगांव के अधिसंख्य ग्रामीण इसे साजिशन कायम किया गया अपराध बता रहे हैं।
साहू के समर्थकों का कहना है कि असली वजह कुछ और है – और वह है तुमगांव में खुलेआम फल-फूल रहे जिस्मफरोशी के कारोबार के खिलाफ आवाज उठाना ?
शनिवार सुबह तड़के ही पुलिस ने बलरामकांत साहू के घर पहुंचकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी होते ही पूरे नगर पंचायत क्षेत्र में खलबली मच गई।
देखते ही देखते गुस्साई भीड़ थाने के सामने जमा हो गई, दुकानों के शटर धड़ाधड़ बंद होने लगे और मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर दिया गया।
आम लोगों का आरोप है कि पुलिस ने यह कार्रवाई जनता की आवाज दबाने के लिये की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिर्फ एक दिन पहले ही बलरामकांत साहू ने पुलिस को ज्ञापन सौंपकर, नगर क्षेत्र में देह व्यापार के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की थी, कार्रवाई ना होने की सूरत में उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी थी। अगले दिन उन पर महिला सुरक्षा कानून के नाम पर अपराध दर्ज हो गया और उन्हें आनन फानन गिरफ्तार भी कर लिया गया।
तुमगांव पुलिस के द्वारा बलरामकान्त साहू को गिरफ्तार कर धारा 351(3), 296, 74 और 75(2) के तहत मामला दर्ज किया है।
लेकिन जनता का कहना है कि अगर बलरामकांत साहू सच में दोषी थे तो अचानक इतने गंभीर आरोप ठीक उसी दिन क्यों लगे जब उन्होंने थाना क्षेत्र में चल रहे देहव्यापार के धंधे को बंद कराने की मांग की ? वास्तव में यह कार्रवाई “पेट्रोल की धमकी” पर की गई है या “जिस्मफरोशी की दुकानें बंद कराने की धमकी” पर?
सवाल ये भी उठ रहे हैं कि, पुलिस कानून का पालन कर रही है या फिर अवैध धंधे करने वालों की ढाल बन गई है ?
यह कोई पहला मौका नहीं है जब तुमगांव चर्चा में आया हो। वर्षों से यह इलाका देह व्यापार का गढ़ माना जाता रहा है। कई बार यहां पीटा एक्ट के तहत कार्रवाई भी की गई है, लेकिन कुछ ही दिनों बाद कारोबार फिर से शुरू हो जाता है।
स्थानीय लोग कहते हैं कि यहाँ जिस्मफरोशी का धंधा इतनी मजबूत स्थिति में है कि इसका
“जो विरोध करता है, वही फंस जाता है,।
बलरामकांत साहू की गिरफ्तारी ने गांव को उबाल दिया है। इस गिरफ्तारी के विरोध में गांव के सभ्य नागरिकों के साथ साथ सभ्रांत महिलाएं भी सड़कों पर उतर आईं। उनका कहना था कि –
“जिस इंसान ने हमारी बेटियों और बहनों की सुरक्षा के लिये आवाज उठाई, उसी को अपराधी बना दिया गया।”
बाजार में किसी ने सब्जी नहीं बेची, दुकानों के शटर गिरे रहे और गांव में मातम जैसा माहौल छा गया। युवाओं ने ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी कर सड़कों को जाम कर दिया।
इधर पुलिस बलरामकान्त साहू पर दर्ज धाराओं का हवाला देते हुये उसे बड़ा अपराधी बताने की कोशिश कर रही है, उधर ग्रामीणों का कहना है कि सारे आरोप फर्जी है, ताकि बलरामकान्त को दबाया जा सके, और देहव्यापार का धंधा बेरोकटोक जारी रहे।