सुशासन तिहार के साथ साथ अब जिले में कृषि पखवाड़े का भी आयोजन

किसानों से अपील, कृषि पखवाड़ा कार्यक्रम का लाभ उठायें
गरियाबंद। जिले में खरीफ वर्ष 2025 के दृष्टिगत फसलों की किस्मवार मांग प्राप्त करने सहकारी समितियों के माध्यम से कृषकों की मांग अनुरुप, बीज, उर्वरक एवं कृषि ऋण उपलब्ध कराने एवं विभागीय योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिये जिले के प्रत्येक गांवों में 11 से 25 अप्रैल 2025 तक कृषि पखवाड़ा अभियान का आयोजन किया जा रहा है।
जिसमें खरीफ में बीज एवं खाद की उपलब्धता में किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिये किसानों को अग्रिम बीज एवं उर्वरक उठाव करने एवं दस वर्ष के अंदर की किस्मों के उपयोग को बढ़ावा देने प्रचार-प्रसार कर पुरानी किस्मों के प्रतिस्थापन के लिये प्रेरित किया जा रहा है, साथ ही स्फूर युक्त वैकल्पिक उर्वरक यथा एनपीके की उपयोग को बढावा देने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।
कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि किसानों द्वारा अपने खेतों में लगातार धान की फसल लगाने एवं फसल अवशेष जलाने से मृदा, जल एवं मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभाव के प्रति जागरुक करने एवं फसल चक्र में नगदी फसल जैसे गन्ना, कपास, सब्जी, फल-फूल की खेती अपनाकर अधिक लाभ कमाने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। अनाज, दलहन तिलहन एवं मिलेट्स फसलों के बीज उत्पादन कार्यक्रम हेतु कृषकों को जागरुक कर चयन की प्रक्रिया की जा रही है।
कृषि चौपाल कार्यक्रम में विभाग में संचालित शासन कि महत्वाकांक्षी योजनाओं यथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, स्वायल हेल्थ कार्ड, जैविक खेती आदि के प्रचार प्रसार के साथ-साथ पी.एम.किसान सम्मान निधि योजनांतर्गत पात्र हितग्राहियों का पंजीयन, ई-के.वाय.सी., लैंड सिडिंग, आधार सिडिंग एवं फिजिकल वेरिफिकेशन तथा एग्री स्टेक पोर्टल में कृषकों का पंजीयन आदि की प्रक्रिया उक्त अभियान के दौरान की जा रही है।
कृषि पखवाड़ा/चौपाल कार्यक्रम में आशातीत सफलता हेतु कलेक्टर अग्रवाल द्वारा कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य पालन, पशुपालन, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं सहकारी संस्थाओं विभाग के अमलों को स्थानीय जन प्रतिनिधियों के सहयोग से कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया है। उप संचालक कृषि द्वारा कृषकों से अपील की गई है कि अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कृषि पखवाड़ा/चौपाल कार्यक्रम का लाभ उठायें।