स्कूल खुलते ही शिक्षकों की मनमानी और लापरवाही आने लगी सामने

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में स्कूलों में नया शिक्षण सत्र अभी ठीक से प्रारम्भ भी नही हुआ है कि यहां शिक्षकों की मनमानी और लापरवाही आम नजारा हो गया है। ऐसे नजारे प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं, कि जब प्रदेश सरकार से एक शिक्षा विभाग ही नही सम्हाला जा रहा है। प्रदेशभर में युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही के बाद जिस बेहतर शिक्षा व्यवस्था का ढोल पीटा जा रहा था, अब उसकी पोल खुलने लगी है।
आपको बता दें कि आज गरियाबंद जिले के अकलवारा हाई स्कूल की छात्राओं और पालकों ने मिलकर स्कूल में ताला लगा दिया। वजह थी स्कूल के प्रिंसिपल की मनमानी और गलत व्यवहार। इस स्कूल के प्रिंसिपल जे पी वर्मा पर छात्रों के परीक्षा परिणाम प्रभावित करने साथ ही छात्राओं के साथ बेड टच का आरोप भी लगाया गया है।
बताया जा रहा है कि शिकायत पहले ही की गई थी, किन्तु कोई कार्यवाही ना होती देख पालकों और छात्राओं ने आज स्कूल में ताला जड़ दिया और प्रदर्शन करने लगे।
आक्रोश और प्रदर्शन को देखते हुये स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रिंसीपल जे.पी. वर्मा को तत्काल पद से हटा दिया गया और नये प्रिंसीपल की नियुक्ति की गई।
इधर छत्तीसगढ़ के ही बलरामपुर जिले में एक सरकारी स्कूल के शिक्षक की शर्मनाक करतूत ने सभी को हैरान कर दिया।
सोशल मीडिया पर वाड्रफनगर ब्लॉक के पशुपतिपुर प्राथमिक स्कूल का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें नशे में धुत शिक्षक बच्चियों के साथ नाचता नजर आया।
वायरल वीडियो में स्कूल के हेडमास्टर लक्ष्मी नारायण सिंह के रूप में पहचाने गये। जो अपने मोबाइल पर गाना बजाते हुये बच्चियों के साथ अनुचित तरीके से नाचते दिख रहे हैं। स्थानीय लोगों और छात्रों का दावा है कि सिंह अक्सर नशे की हालत में स्कूल आते थे और बच्चों को बेवजह शारीरिक दंड भी देते थे। यह वीडियो कथित तौर पर स्कूल के एक स्टाफ सदस्य ने बनाया था, जिसके बाद यह तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
वीडियो के वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) डी.एन. मिश्रा ने तुरंत कार्रवाई करते हुये सिंह को निलंबित कर दिया और उन्हें बलरामपुर डीईओ कार्यालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है। डीईओ ने वड्रफनगर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार से इस मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट भी मांगी है। स्थानीय विधायक शकुंतला पोर्ते ने इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे अस्वीकार्य बताते हुये कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।