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रायपुर। चोरी चाहे 10 लाख की हो या फिर महज 174/-₹ की, चोरी तो चोरी है। ये कहना है छत्तीसगढ़ के जाने माने सोशल व आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला का, अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर कुणाल शुक्ला ने लिखा है कि, अपनी ‘सरकारी, कार का 174 /-₹ का फ़र्ज़ी बिल लगा कर छत्तीसगढ़ कैडर की आईपीएस रत्ना सिंह ने 174/-₹ की क्या चोरी की है ? मैंने इस मामले की लिखित शिकायत आरटीआई से प्राप्त दस्तावेज लगा कर छत्तीसगढ़ के डीजीपी महोदय से की थी।
मेरी इस शिकायत पर डीजीपी महोदय ने क्या कार्रवाई की है इसका जांच प्रतिवेदन प्राप्त करने के लिये मैंने पुलिस मुख्यालय में आरटीआई (RTI) लगाया है। जिसका जवाब अभी तक अप्राप्त है।
वैसे आरटीआई का जवाब एक माह अथवा तीस दिनों के अंदर दिये जाने का प्रावधान है, और ये तीस दिन तीस तारीख को पूरे हो जायेंगे। वैसे आपको बता दें कि ये पोस्ट 20 अक्टूबर की है।
शुक्ला आगे लिखते हैं कि, अगर रत्ना सिंह नामक उक्त महिला को जाँच के नाम पर लीपापोती कर बचाने का प्रयास किया जायेगा तो फिर कोर्ट कचहरी का दरवाजा तो हमेशा खुला ही है, जिसको खटखटाने से मैं कभी पीछे नहीं हटा।
वैसे अपनी एक अन्य पोस्ट में कुणाल शुक्ला ने आरटीआई के ऑनलाइन पोर्टल को लेकर तंज कसा है। कुणाल शुक्ला के अनुसार आरटीआई का ऑनलाइन पोर्टल पिछले चार दिनों से खुल ही नहीं रहा है।

मेल पर ओटीपी का सिस्टम कर दिया गया है और ओटीपी आता ही नहीं है, अच्छा है ना तो पोर्टल खुलेगा और ना ही आरटीआई लगेगा, झंझट ही खत्म।







