
फूटकर दुकानों तक सिमटी कार्यवाही
गरियाबंद। बुधवार राजिम क्षेत्र में प्रतिबंधित जर्दायुक्त गुटखा विक्रयकर्ताओं पर सरप्राइज चेकिंग की कार्यवाही की गई, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर की गई इस कार्यवाही में स्थानीय पुलिस टीम के साथ वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी भी सम्मिलित रहे। चेकिंग के दौरान विभिन्न प्रकार के गुटखा पान मसाला प्राप्त हुआ, जो उचित मानक मात्रा में कम पाये जाने के कारण तम्बाकू युक्त गुटखा विक्रयकर्ताओं को केवल समझाइस दे कर कर्तव्यों की इति श्री कर ली गई।

दरअसल उक्त कार्यवाही या चेकिंग फूटकर विक्रयकर्ताओं पर की गई, यही कारण रहा कि मानक मात्रा कम पायी गई। इस कार्यवाही पर सवाल ये है कि इसका उद्देश्य वास्तव में प्रतिबंधित जर्दायुक्त गुटखे के विक्रय पर लगाम लगाना था या इस काले कारोबार के ” बिरला व्हाइट, से ज्यादा सफेदपोशो को सावधान करना था।
वर्ष 2016 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर छत्तीसगढ़ समेत देशभर में जर्दा युक्त गुटखे पर प्रतिबंध लगाया गया था। उसके बाद से ही गुटखे के काले कारोबार ने पैर पसारना शुरु कर दिया। जिले में इस काले कारोबार में लिप्त कुछ लोग, संबंधितो या इसे प्रश्रय देने वाले अधिकारियों की नजरों से ज्यादा दूर नही है। यथा सड़क किनारे गुमटी का एक फूटकर विक्रेता अच्छी तरह जानता है कि उसे ये माल कहाँ मिलेगा। इसके लिये उसे किसी जंगल या सीमा रेखा पार जाने की आवश्यकता नहीं है।
अन्य क्षेत्रों की बात छोड़ दें, जिला मुख्यालय की मुख्य सड़क के ही कुछ व्यवसायी इस काले कारोबार की थोक वजह है। अमेरिकी टैरिफ पर ज्ञान बांटने वाले या अन्य व्यवसाय की आड़ में प्रतिबंधित विक्रय वस्तुओं का भंडारण और बिक्री करने वालों की पृष्टभूमि से स्थानीय खाद्य एवं औषधि विभाग भले ही अनभिज्ञ होने का नाटक कर ले, किन्तु सच तो यही है कि हर गली, सड़क की पान गुमटियों, छोटी मोटी दुकानों में जर्दायुक्त गुटखा आसानी से मिल जाता है।