जंगल में जंगलराज खत्म : अब केवल पर्यावरण संरक्षण अभियान चलता है

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जहां सिर्फ मनोरंजन के लिये वन्य प्राणियों का शिकार किया जाता था ….. 

5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष रिपोर्ट 

किरीट ठक्कर। गरियाबंद व धमतरी जिले के 1852 वर्ग किलोमीटर में विस्तृत, उदंती सीतानदी अभ्यारण क्षेत्र, जहां कभी ब्रिटिश राज और जमींदारी व्यवस्था के दौरान सिर्फ 25 ₹ से 100 ₹ देकर बाघ व राजकीय पशु वन भैसे के साथ साथ अन्य निरीह मूक जानवरों का शिकार किया जाता था। अब वहां की स्थिति बदल रही है।

बताया जाता है कि लगभग 1972 तक इस जंगल में Entertainmentg Gaming की ऐसी ही स्थिति रही, बाहरी शिकारियों के साथ साथ कुछ स्थानीय निवासी भी शिकार में संलिप्त रहे, जिसकी वजह यहां वन्य जीवों की संख्या बहुत घट गई।

1983 में अविभाजित मध्यप्रदेश शासन के दौरान तत्कालीन रायपुर जिले में उदंती नदी के आस पास के जंगल को अभ्यारण क्षेत्र घोषित किया गया था। जिसका उद्देश्य मुख्यतः वन भैसों का संरक्षण था।

वर्ष 2006 में धमतरी जिले के सीतानदी क्षेत्र में प्रोजेक्ट टाईगर और फिर 2009 में उदंती नदी व सीतानदी के वन क्षेत्रों को सम्मिलित कर उदंती -सीतानदी टाइगर रिजर्व घोषित किया गया।

वर्षो तक निगरानी की कमी और नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने की वजह से सैकड़ो हेक्टेयर संरक्षित वन भूमि में अतिक्रमण और लगभग 30 हजार से अधिक पेडों की कटाई हो गई।

वर्ष 2022 में आई एफ एस अधिकारी वरुण जैन यहां बतौर डिप्टी डायरेक्टर पदस्थ हुये। युवा आई एफ एस को इस वन क्षेत्र से आत्मीय लगाव हो गया, उन्हें इस वन क्षेत्र के पर्यावरणीय बदलाव के लिये काफी संभावनाये नजर आई।

एक सुनिश्चित संकल्प के साथ उन्होंने अपने काम की शुरुवात की, अवैध शिकारियों और अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कार्यवाहियां की गई। 134 शिकारियों और लकड़ी तस्करों को पकड़ा गया। 760 हेक्टेयर वन भूमि से अतिक्रमण हटाया गया। जंगल के बीच सोलर पंप की मदद से तालाबों में पानी भरा गया। अतिक्रमण हटाने के बाद खाली हुई जमीन पर वृक्षारोपण किया गया और कंटूर ट्रेंच का निर्माण किया गया। हाथी-मानव द्वंद रोकने हाथी दल के गठन के साथ अन्य विभिन्न उपाय किये गये।

आज तस्वीर बदल रही है ….

एक युवा अधिकारी की कर्म संकल्प यात्रा के सुखद परिणाम अब दृष्टिगोचर हो रहे हैं उदंती -सीतानदी अभ्यारण में पक्षियों के कलरव के साथ वन्यजीवों की चहल कदमी भी नजर आ रही है। करीब ढाई साल बाद हाल ही में यहां ट्रेप कैमरे में बाघ की तस्वीर रिकार्ड की गई है।

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