तिहारु - गोमती
गरियाबंद / छुरा। स्टार्टअप्स की कोई उम्र नही होती और ना ही कभी ये निश्चित किया जा सकता है कि आपका काम, आपको या आपके गांव /क्षेत्र को किस मक़ाम तक के जा सकता है।
तकरीबन 20 साल पहले एक बुजुर्ग दंपति ने एक सुनसान से चौक पर गरमा-गरम नाश्ते की शुरुआत की थी, इसके लिये उन्होंने एक ठेले पर मिट्टी का चूल्हा बनाया और 10 रु में लोगों को समोसा,आलूबड़ा, मूँगबड़ा जैसा गरमा गरम नाश्ता परोसना शुरू किया, ये शुरुआत वृद्ध दंपति तिहारु राम साहू और गोमती बाई के जुझारूपन और उनकी जिंदगी के जद्दोजहद की थी।

गरियाबंद जिले के छुरा नगर के बाजार चौक में की गई इस शुरुआत में तीखी मिर्च की चटनी के साथ गरम नाश्ते को लोगों ने हाथों हाथ लिया।

एक तरफ सब्जी मार्केट और दूसरी तरफ बहुत से सरकारी दफ्तरों के बीच, बाजार चौक का वो इलाका जहां तहसील क्षेत्र के 150 से अधिक गांवों के साथ साथ नगर के लोगों का भी दिनभर आना-जाना लगा रहता है, वहां बुजुर्ग दंपति की इस शुरुआत ने नगर के फ़ूडजोन की नींव रख दी। यही नीलकंठ देवांगन ने नीलू टी स्टाल लगा लिया, तो राहगीरों के लिये चाय कॉफी की कसर भी पूरी हो गई। नगर की सजी धजी होटलों में बेरुखी के साथ परोसी गयी ठंडी नाश्ते की प्लेट को लोग एक हाथ से ही परे सरकाने लगे।

तिहारु के ठेले पर नाश्ता कर रहे तिलई दादर गांव के हीरासिंह साहू बताते हैं कि आये दिन छुरा आना होता है, साइकिल पर गांव से आना-जाना, फिर यहां कई घंटों का काम, इस बीच नाश्ते की आवश्यकता होती है, जिसके लिये हम लोगों का यही मनपसन्द ठिया है।

आज इस बाजार चौक की रोजाना की रौनक देखने लायक है, अब समोसे-पकोड़े के 15 से अधिक स्टॉल यहां लगते हैं, एगरोल,आमलेट,मोमोज़,चाऊमीन,इडली-डोसा,पानी-पूरी,आलूटिक्की चाट के अतिरिक्त गर्मियों में बर्फ के मीठे-खट्ठे गोले,गन्ने का ठंडा रस, कुल्फी आइसक्रीम जैसी खाद्य सामग्री, आम नागरिकों को ताजा त्वरित और कम बजट में आसानी से इसी चौक में मिल जाती है।

बाजार चौक पर ही एक युवा स्ट्रीटवेंडर जनक साहू बताते हैं कि मैंने तो अभी-अभी यहां एगरोल का स्टाल लगाना शुरू किया है, किन्तु वयोवृद्ध तिहारु और उसकी पत्नी को बरसों पहले से यहां स्टाल लगाते देखता आ रहा हूँ। जब यहां कुछ नहीं था तब उन्होंने ही शुरुआत की, अब लगभग सभी तरह की मार्केट रनिंग डिशेज यहां मिलती है। आज लोगों को कुछ खाना-पीना हो तो यहीं आते हैं।







