महिला एवं बाल विकास विभाग के दो कर्मचारी सेवामुक्त

अनाधिकृत अनुपस्थिति एवं स्पष्टीकरण का जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर हुई कार्यवाही
गरियाबंद। कलेक्टर बी.एस उइके ने महिला एवं बाल विकास विभाग के दो कर्मचारियों पर लंबे समय से कार्यालय से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थिति एवं स्पष्टीकरण का जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर बड़ी कार्यवाही की है। कलेक्टर ने एकीकृत बाल विकास परियोजना फिंगेश्वर के सहायक ग्रेड 03 उमेश कुमार वैष्णव एवं एकीकृत बाल विकास परियोजना मैनपुर के सहायक ग्रेड-03 विकास कुमार पोटाई को पद से हटाते हुए सेवा से पदच्युत कर दिया है।
जारी आदेश के अनुसार एकीकृत बाल विकास परियोजना फिंगेश्वर के अपचारी कर्मचारी सहायक ग्रेड-03 उमेश कुमार वैष्णव 27 अप्रैल 2018 से बिना पूर्व सूचना के अनाधिकृत रूप से 2154 दिनों तक लगातार अनुपस्थित रहा, उनकी लम्बी अनुपस्थिति में विभाग द्वारा कई बार उन्हें कारण स्पष्टीकरण जारी कर जवाब चाहा गया था, किंतु उनके द्वारा किसी भी प्रकार का जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया।
उनके द्वारा स्वयं के मानसिक स्वास्थ्य खराब होने कारण कर्तव्य पर उपस्थित नहीं होने संबंधी लेख किया गया था।
किन्तु प्रमाण स्वरूप चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा जारी किसी भी प्रकार का चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसके बाद विभाग द्वारा पत्र के माध्यम से न्यायहित में अंतिम अवसर दिया गया। इस पर भी उनकी अनुपस्थिति के संबंध में समाधानकारक कोई भी प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। इस कारण कलेक्टर के द्वारा उक्त कर्मचारी पर छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के तहत शासकीय सेवा से पदच्युत कर दिया गया।
एक दूसरे मामले में एकीकृत बाल विकास परियोजना मैनपुर के अपचारी कर्मचारी सहायक ग्रेड 03 विकास कुमार पोटाई 01 मार्च 2016 से बिना किसी सूचना के अनाधिकृत रूप से 2300 दिनों तक लगातार अनुपस्थित रहा है, उनकी लम्बी अनुपस्थिति में विभाग द्वारा कई बार उन्हें कारण स्पष्टीकरण जारी कर जवाब चाहा गया था, किंतु उनके द्वारा किसी भी प्रकार का जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया।
विकास पोटाई के द्वारा अपने और अपने परिवारजनों का स्वास्थ्य खराब होने के कारण कर्तव्य पर उपस्थित नहीं होने संबंधी लेख किया गया था,किन्तु उसके प्रमाण में चिकित्सा प्राधिकारी द्वारा जारी कोई भी चिकित्सकीय प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं किया गया। इस कारण उक्त कर्मचारी पर कलेक्टर द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के तहत शासकीय सेवा से पदच्युत किया गया।