बच्चों में कुपोषण दूर करने आगे आये कलेक्टर और डॉ.अशोक भट्टर : गंभीर कुपोषित 150 बच्चों का किया गया परीक्षण

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गरियाबंद। 26 जून 2025 को आयोजित जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति ( दिशा ) की बैठक में जिले में कुपोषण दर कम करने का निर्णय लिया गया था।

इसी निर्णय के आधार पर जिले के 920 गंभीर कुपोषित बच्चों को चिन्हाकिंत किया गया , और इसके बाद उनके स्वास्थ्य परीक्षण, उचित उपचार की योजना बनाई गयी। इस योजना के तहत 25 जुलाई को मेगा हेल्थ शिविर और गंभीर कुपोषित बच्चों को समाजसेवी संस्थाओं / जनप्रतिनिधियों/ जिला स्तरीय नोडल अधिकारीयों द्वारा गोद लिये जाने प्रेरित किये जाने की पहल की गई।

कलेक्टर बीएस उइके के सुझाव एवं मार्गदर्शन में आज शुक्रवार महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा वन विभाग के ऑक्सन हाल में बच्चों के लिये वृहद स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया।

स्वास्थ्य शिविर में राजधानी रायपुर के प्रसिद्ध बाल गोपाल चिल्ड्रन हॉस्पिटल के डॉ अशोक भट्टर एवं उनकी टीम द्वारा 150 गंभीर कुपोषित बच्चों का निशुल्क परीक्षण एवं उपचार किया गया, इस दौरान आवश्यक दवाइयों साथ ही पोषक आहार का वितरण किया गया।

इस अवसर पर कलेक्टर बीएस उइके ने कहा कि जिले को कुपोषण मुक्त करने जिला प्रशासन तत्पर एवं गंभीर है। गंभीर कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें विशेष पूरक पोषण आहार दिया जा रहा है। इसके अलावा अतिरिक्त आहार देने एवं ईलाज में सहायता करने जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारी-कर्मचारियों से ऐसे बच्चों को गोद लेने की अपील भी की जा रही है। बच्चों को गोद लेने के लिए सभी वर्ग के लोग सामने आ रहे है।

उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से डॉक्टर भट्टर एवं उनकी टीम द्वारा इस मेगा हेल्थ कैम्प के आयोजन किये जाने पर डॉ भट्टर का आभार जताया। साथ ही डॉक्टरों द्वारा बच्चों की बेहतर देखभाल के लिये दी गई सलाह का पालन करने का आग्रह शिशुवती माताओं से किया, उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छा स्वास्थ्य मिल सके यही हमारा प्रयास है।

डॉ.अशोक भट्टर ने कहा कि मेगा हेल्थ कैम्प जिला प्रशासन की विशेष पहल है। इस शिविर में शामिल होकर हमारी टीम ने सामाजिक जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। उन्होंने शिविर में शामिल होकर खुशी जताते हुये कहा कि बच्चों के ईलाज के लिये हम सामाजिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। सेवा के लिये हमारी हम सदैव तत्पर रहेंगे, साथ ही आज शिविर में जिन बच्चों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है, उनका निरंतर ईलाज और फॉलोअप भी करते रहेंगे। ।

उन्होंने कहा कि कुपोषण बच्चों की बीमारी का जड़ होता है। इसलिये इसको दूर करने पर विशेष ध्यान देना चाहिये । कुपोषण से लड़ाई में पोषण आहार की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है।

उन्होंने शिशुवती महिलाओं को सभी उम्र के बच्चों के लिये आवश्यक पोषण आहार की जानकारी देते हुये निर्देशों का पालन करने का आग्रह किया।

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