बार – बार कलेक्टर जनदर्शन पहुँचते बुजुर्ग : एक की फरियाद सीमांकन की, दूसरा जमीन के मुआवजे के लिये भटक रहा

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किरीट भाई ठक्कर, गरियाबंद। प्रति सप्ताह आयोजित कलेक्टर जनदर्शन में बड़ी संख्या में लोग हिस्सा ले रहे है, और अपनी समस्याएं, जैसे भूमि विवाद, राशन कार्ड, पेंशन, पीएम आवास, वनअधिकार पट्टा एवं अन्य विषयों से जुड़े आवेदन प्रस्तुत कर रहे है।

माना जाये कि सरकार ने कलेक्ट्रेट में बड़े अधिकारियों को जनता के लिये सप्ताह में एक दिन का समय देने के निर्देश दें रखे हैं। जनता को जनदर्शन से उम्मीद होती है कि यहां हर मामले की शिकायत और मांग का त्वरित निराकरण होगा, फिर चाहे मामला किसी भी सरकारी विभाग से संबंधित हो, किन्तु आपको बता दें कि कुछ अन्य विभागों के साथ साथ राजस्व विभाग में पटवारी तहसीलदार और आरआई से जुड़े मामले लगभग लंबित ही रहते है।

बताया जाता है कि शिकायतों के प्रभावी निराकरण के लिए जनदर्शन की पूरी प्रक्रिया कम्यूटरीकृत है, फिर सवाल उठता है कि एक ही शिकायत या मांग लेकर लोगों को बार बार क्यों आना पड़ता है ? क्यों लगातार आवेदकों की संख्या बढ़ती जाती है ? समस्या या शिकायत निराकरण के लिए कोई निश्चित समय सीमा निर्धारित है ? यदि है तो शिकायत के दो दो माह बाद भी कार्यवाही अपूर्ण क्यों होती है ।

 

जन समस्या निवारण शिविर

आप सभी को जानकारी तो होगी ही कि जनदर्शन के अलावा लोगों की समस्या / शिकायत समाधान के लिए जिले के अलग अलग स्थानों, गांव, नगरों में समय समय पर जन समस्या निवारण शिविर का भी आयोजन किया जाता है, शिकायत और मांग से संबंधित ढेरों आवेदन यहां भी एकत्रित किये जाते है। आप जानते है कि इस तरह के आवेदनों की संख्या में ब्लॉक और अनुभाग स्तर पर भी कोई कमी नहीं है, किन्तु इनका निराकरण कौन कर रहा है ? सबसे बड़ा सवाल निराकरण कितना हुआ है ? शिकायत मांग के कितने कितने आवेदन किस किस विभाग में कितनी संख्या में लंबित है इसकी मांनिटरिंग की भी आवश्यकता है।

भेजराडीह के दाऊलाल और खम्हरीपारा के रामअधार

दोनों ने कई बार जनदर्शन आने की बात कही, दोनों वृद्ध किसान है। दाऊलाल अपनी खेती की जमीन का सीमांकन और जमीन पर से रसूखदारों का कब्जा हटाने की मांग कर रहे है, अक्टूबर माह का टोकन दिखाया, कार्यवाही अपूर्ण है।

दाऊलाल सीमांकन के लिए आरआई को पांच हजार रुपये देने का आरोप भी लगाते है, जबकि तत्कालीन आरआई पुनित राम यादव आरोप को निराधार बताते हैं।

खम्हारीपारा के रामअधार अपनी लगानी 1 हेक्टेयर कृषि भूमि में सिंचाई विभाग, वन विभाग, लोनिवि द्वारा जबरन कब्जा कर पौधारोपण किये जाने की शिकायत लगाते हैं, अब मुआवजे की फरियाद लिये घूम रहे हैं।

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