रिजर्व फारेस्ट में अवैध चराई : राजस्थान – गुजरात के भेड़-बकरी चरवाहों पर वन विभाग की तगड़ी कार्यवाही

रायपुर – धमतरी- गरियाबंद में लगभग 5000-10000 भेड़ बकरी को कई दिन अवैध चराई कराने के बाद टाइगर रिज़र्व और सूनाबेडा में चराने की थी योजना..
किरीट ठक्कर, गरियाबंद। उदंती सीतानदी टाइगर रिज़र्व एवं सूनाबेडा अभ्यारण्य में ओडिशा, राजस्थान, गुजरात, धमतरी एवं कवर्धा से भेड़-बकरी लाकर अवैध चराई कराने वालो के 5 डेरों को एन्टी पोचिंग टीम द्वारा न्यूट्रलाइज किया गया है।
एक ओर जहां बाहरी भेड़ बकरी द्वारा स्थानीय घास, चारागाह को पूर्ण रूप से क्षति पहुंचाई जा रही है, वही दूसरी ओर भेड़-बकरी बाहरी प्रजाति खरपतवार (लेंटाना, यूपटोरियम, पार्थेनियम स्थानीय नाम गंधरी, गाजर घास) का छत्तीसगढ़ के वनों में तेजी से प्रसार करने का भी माध्यम/केरियर बन रही है जिससे चारे के अभाव में स्थानीय ग्रामीणों के मवेशी एवं शाकाहारी वन्य प्राणियों की संख्या में कमी हो रही है एवं चारा-संकट उत्पन्न हो रहा है।

आमामोरा एवं ओढ़ के ग्रामीणों ने भी वन विभाग का कारवाई में सहयोग दिया।
क्षेत्र में 100 से अधिक तेन्दुओ के लिये पर्याप्त रूप से हिरण, सांबर, नीलगाय एवं जंगली सुअरों की संख्या बरकरार रखने के लिये चारागाह की सुरक्षा बेहद जरुरी है, ताकि मानव-तेंदुआ द्वन्द की स्तिथि निर्मित न हो जैसा कि टाइगर रिज़र्व क्षेत्र के आस पास के क्षेत्रो में देखने मिल रहा है।
विगत वर्ष में भी टाइगर रिज़र्व क्षेत्र में राजस्थानी भेड़ बकरी चराने वालो पर कारवाई की गयी गयी थी।
सुनाबेडा अभ्यारण्य में भी 10-15 डेरे बनाये गये थे, जिसकी सूचना उपनिदेशक द्वारा सम्बंधित DFO एवं वाइल्डलाइफ क्राइम कण्ट्रोल ब्यूरो को साझा की गयी है जिसके आधार पर 2 आरोपियों को ओडिशा में पकड़ा गया है।
गोपनीय सूचना के आधार पर उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व एवं सोनाबेडा अभ्यारण्य (ओड़िसा) बॉर्डर से सटे हुए वन परिक्षेत्र कुल्हाड़ीघाट के बीट नगरार के कक्ष क्रमांक 783 एवं बीट आमामोरा के कक्ष क्रमांक 828 मे राजस्थानी चरवाहों के द्वारा लगभग 3-4 हजार भेड़, बकरी एवं घोड़ा को बिना अनुमति के टायगर रिजर्व क्षेत्र के जंगल में अवैध रुप से चराई करवाने वाले आरोपियों पर कारवाई की गयी है।
सूचना मिलते ही उपनिदेशक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व गरियाबंद के द्वारा अपने दल बल के साथ मौका स्थल पर पहुंचे जहां से टीम को आरोपियों के सुनाबेडा अभ्यारण्य की तरफ जाने के साक्ष्य मिले, तत्पश्च्यात बीट आमामोरा के कक्ष क्रमांक 828 से लादूराम व.हरजीराम, जाति जाट उम्र 61 वर्ष, ग्राम ईठावाड़ा, जिला नागौर (राजस्थान) एवं अन्य 08 आरोपियों के साथ भेड़, बकरी, घोड़ा समूह को पकड़ा गया।
इसके अलावा बीट नगरार के कक्ष क्रमांक 783 से रामनिवास व.खाजूराम उम्र 53 वर्ष ग्राम पादूकला जिला नागौर (राजस्थान) एवं अन्य 05 आरोपियों के साथ भेड़,बकरी, घोड़ा समूह एवं 02 नग मोटर सायकल व वन अपराध में उपयोग किया गया सामान जप्त कर उनके विरुध्द वन अपराध 14305/24 एवं 04/20 दिनांक 19.07.2025 पंजीबद्ध किया गया।
टीम के द्वारा रामनिवास व. खाजूराम,रुपा व.हुकमाराम, गोपी व.कृष्णा,प्रेम व.गिरधारी, लादुराम व.हरजी, नेहरु व.पुनो, शंकर व.पुनीत एवं मानसिंग व. बिहारी को पूछताछ के लिये मैनपुर लाया गया।
विवेचना अधिकारी अमरसिंग ठाकुर उपवनक्षेत्रापाल प्रभारी परिक्षेत्रा अधिकारी कुल्हाड़ीघाट के द्वारा इन सभी 08 आरोपियों को वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 27,29,30,32,50,51 एवं 52 और भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 33 (1) (छ), (ज) एवं 52 के तहत् दिनांक 21 जुलाई 2025 को माननीय सक्षम न्यायालय प्रथम श्रेणी गरियाबंद के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
माननीय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी गरियाबंद के द्वारा रिमांड में जिला जेल गरियाबंद निरुद्ध किया गया। शेष फरार आरोपियों की पतासाजी की जा रही है। चार लाख रूपये सुपुर्दगी राशि वसूलने की कारवाई जारी है।
इस कार्यवाही में वरुण जैन, उपनिदेशक उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व गरियाबंद, गोपाल कश्यप सहायक संचालक उदंती (मैनपुर),नजगदीश प्रसाद दर्री सहायक संचालक तौरंगा, अमर सिंह ठाकुर परिक्षेत्र अधिकारी कुल्हाड़ीघाट चन्द्रबली ध्रुव परिक्षेत्र अधिकारी दक्षिण उदंती, धर्मेन्द्र सोनवानी, मनोज ध्रुव, राकेश मारकण्डेय, टकेश्वर देवांगन, अनुप जांगड़े, सूर्यदेव जगतवंशी, रुस्तम यादव, पुनीत, देवीसिंग और अन्य सुरक्षा श्रमिक/पेट्रोलिंग श्रमिक उपस्थित रहे।