ओडिशा से नये हाथी दल का उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में प्रवेश : जंगल में पोखरों से लौटती उम्मीद, विलुप्तप्राय वन्यप्राणियों का उन्मुक्त विचरण यहां दिखता है।
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किरीट ठक्कर, गरियाबंद। पर्यावरण संरक्षकों, प्राकृति व वन्यजीव प्रेमियों के लिये इन दिनों उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व से मिल रही सूचनायें और ट्रैप कैमरे में नजर आ रही दुर्लभ वन्यप्राणियों की तस्वीरें उत्साह वर्धक और राहत भरी है।

आपको बता दें कि उदंती सीता नदी अभ्यारण क्षेत्र में, वन्यजीवों के अध्ययन और निगरानी के लिये ट्रैप कैमरे लगाये गये है। इन स्वचलित कैमरों में वन्यजीवों की गतिविधियों को रिकार्ड किया जा रहा है, जिससे उनके व्यवहार, आवास और संरक्षण के प्रयासों के लिये महत्वपूर्ण डेटा प्राप्त होता है। ट्रैप कैमरे से वन्यजीवों की उपस्थिति, प्रजातियों के बीच अंतर संबंधों, और मानव गतिविधियों के प्रभाव को समझने में मदद मिल रही हैं, जिससे उनके संरक्षण के प्रयासों को प्रभावी बनाया जा सकता है।
उदंती सीता नदी टाइगर रिजर्व विभिन्न स्थानों में लगे ट्रैप कैमरे में हाथी, तेंदुआ, भालू, नील गाय, हिरन, कबर बिज्जू ,जंगली सुकर और अन्य दुर्लभ वन्यप्राणियों की तस्वीरें नजर आ रही है।
इधर उदंती सीतानदी अभयारण्य क्षेत्र के डिप्टी डायरेक्टर वरुण जैन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार रिजर्व एरिया के नार्थ और साउथ रेंज में ओडिसा से नये हाथी दल ने प्रवेश किया है। तकरीबन 4 से 5 हाथियों के इस दल का नाम गुलाब दल रखा गया है।

उन्होंने बताया कि आज से चार साल पहले भी ओडिसा की ओर से लगभग 30 से 33 हाथियों का दल गरियाबंद जिले के सीकासेर बांध क्षेत्र में आया था। उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के 08 में से 05 रेंज में सीकासेर हाथी दल की उपस्थिति रही है, बाकी के तीन रेंज में सीकासेर हाथी दल नही गया। अब गुलाब दल इन तीन रेंज में एक्सप्लोर कर रहा है कि कहाँ रहवास बनाया जाये। ऐसी संभावना है कि सीकासेर हाथी दल इस नये दल को अपने विचरण क्षेत्र में घुसने नहीं दे रहा है।
प्रबल इच्छाशक्ति कर्तव्यनिष्ठा और टेक्नोलॉजी से अभ्यारण में लौटती रौनक
अभ्यारण क्षेत्र में हाथी मानव द्वंद रोकने, फसल हानि रोकने वन्य ग्रामों में हाथी मित्र दल गठित किये गये है। ग्रामीणों के बीच बड़ी संख्या में टॉर्च का वितरण किया गया है। इसके अतिरिक्त हाथी मित्र दल के सदस्यों, ग्रामीणों साथ ही वन कर्मियों को मोबाइल पर ओडीके एप संचालन का प्रशिक्षण भी दिया गया है।
दरअसल ODK app (ओपन डेटा किट) एक ओपन सोर्स ऐप है जिसका उपयोग हाथियों की विशेषताओं (झुंड का नाम, हाथी का GPS स्थान, रेंज, डिवीजन, व्यवहार, फसल हानि-मानव हानि की घटनाएँ, हाथियों का स्वास्थ्य, खाया गया चारा आदि) को भरने के लिये किया जाता है, जिसे मैनुअल हाथी ट्रैकर या हाथी मित्र दल के सदस्यों द्वारा भरा जाता है। यह ऐप बिना नेटवर्क वाले क्षेत्रों में विशेषताओं को संग्रहीत करके और नेटवर्क उपलब्ध होने पर स्वचालित रूप से सर्वर पर संचारित करके ऑफ़लाइन भी काम करता है।
मोबाइल एप्प, ड्रोन जैसे आधुनिक तकनीक के साधनों का महत्वपूर्ण उपयोग करते हुये अब अभ्यारण क्षेत्र में सोलर पंप के माध्यम से तालाबों पोखरों में पानी की व्यवस्था की जा रही है, जिससे वन्यजीवों को पानी के लिये मानव बस्तियों की ओर जाने की जरूरत ना पड़े। पिछले करीब दो वर्षों में अभ्यारण क्षेत्र में हाथियों से एक भी जनहानि नही हुई है।

पिछले दो वर्षों में अवैध शिकार और अवैध कटाई रोकने 40 से ज्यादा एंटी पोचिंग ऑपरेशन किये गये है। डीएफओ वरुण जैन के अनुसार उजड़े वनों को सुधारने की दृष्टि से 700 हेक्टेयर वन क्षेत्र से अवैध अतिक्रमण हटाया गया है। इन प्रयासों के परिणाम स्वरूप अब धीरे धीरे जंगल की रौनक लौट रही है।







