“त्यजन,अर्थात भूमि का त्याग : भू – माफियाओं का एक और खेला

WhatsApp Image 2025-05-04 at 11.17.42 AM (2)

किरीट ठक्कर, गरियाबंद। जिले के राजिम फिंगेश्वर छुरा सहित जिला मुख्यालय गरियाबंद में भी कृषि भूमि की अवैध प्लाटिंग कर कॉलोनाइजर एक्ट के उल्लंघन का सिलसिला पिछले कुछ वर्षों से लगातार जारी है।

पिछले दिनों अनुविभागीय अधिकारी ( रा ) न्यायालय गरियाबंद द्वारा करीब पांच वर्ष पूर्व अवैध प्लाटिंग के दर्ज 13 प्रकरणों के विरुद्ध आदेश पारित किया गया। इनमें से एक प्रकरण विचारधीन न्यायालय के क्षेत्राधिकार से बाहर बताकर खारिज किया गया,जबकि शेष 12 प्रकरणों के विचारण में पाया गया कि अनावेदकगणों द्वारा छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 की धारा 70,98, एवं धारा 172 का उल्लंघन किया गया है।
फलस्वरूप न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी ( रा ) गरियाबंद द्वारा,आदेश पारित कर अनावेदकगणों पर भू – राजस्व संहिता 1959 की धारा 172 ( 4 ) के तहत 10 – 10 हजार रुपये शास्ति अधिरोपित की गई।

आदेश सार्वजनिक हुआ और इस आदेश को लेकर जनचर्चा भी व्याप्त हुई। कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग के धंधे में करोड़ो का वारा – न्यारा कर चुके अनावेदकगणों के लिये 10 हजार रुपये की शास्ति को सजा समझा जाये या अवैध कार्यों का प्रोत्साहन ? ये सवाल नगर के माहौल में तारी रहा है।

इस सब के ईत्तर, इन भू -माफियाओं का ” त्यजन, अर्थात ” भूमि त्याग, का खेल जानकर आप हैरान हो जायेंगे। हालांकि त्यजन या भूमि का हक त्याग एक “औपचारिक, कानूनी प्रक्रिया है, यहां शब्द “औपचारिक , पर ध्यान दीजियेगा , औपचारिक अर्थात केवल कुछ खानापूर्ति करते हुये भूमि -स्वामी या धारक भूमि का त्यजन कर सकता है, ऐसी त्यजित भूमि राज्य सरकार को वापस चली जाती है और राज्य सरकार उस भूमि का उपयोग अपने हिसाब से कर सकती है।

अब यहां से माजरा समझना हो तो नीचे दिये गये खसरा नक्शा को देखिये , जहां कृषि भूमि के उपखंडों ( प्लाटिंग ) के बीच लगभग सीधी रेखा में नीले रंग से चिन्हित प.ह.न.08 ग्राम केशोडार की खसरा न.5/7 की भूमि नजर आयेगी, जिसका धारणाधिकार शासकीय भूमि दर्ज है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये गरियाबंद तहसील अंतर्गत ग्राम केशोडार में अवैध कालोनी की रूप रेखा है। बताया जा रहा है नीले रंग से चिन्हित खसरा नंबर 5/7 की उक्त भूमि का त्यजन किया गया है, त्यजन का मकसद भविष्य में सड़क निर्माण लग रहा है, जिसका ठीकरा शासन के मत्थे मढ़ दिया जायेगा। इसी तरह ग्राम डोंगरीगांव खसरा नंबर 321 / 34 का खसरा नक्शा भी प्रस्तुत है। त्यजित भू-खंड 321/34 के अगले -बगल बहुत से प्लाट काटे गये है।

खसरा न. 5/7 व 321/34

कालोनाइजर एक्ट के अनुसार, कॉलोनी स्थापना करने वाली संस्था, सोसाइटी, सहकारी समिति या अन्य पंजीकृत सोसाइटी अथवा व्यक्ति वहां रहने वाले व्यक्तियों को सड़क, पानी, बिजली, पार्किंग तथा जल-मल निकासी की मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराएगा। किन्तु यहां त्यजन के खेल से गेम उल्टा कर दिया जा रहा है। अब यदि यहां शासकीय मद से सड़क नाली निर्माण होता है तो एक बड़ी राशि शासन की खर्च होगी, जिसका खामियाजा आम जनता को ही भुगतना पड़ सकता है।

नगर पालिका वार्ड नं 15 में सीसी रोड नाली निर्माण सवालों के घेरे में

हल्का पटवारी प.ह.न.10 तहसील गरियाबंद के प्रतिवेदन के अनुसार नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नं 15 में अनेक खसरा नंबरों का बँटाकन कर अवैध प्लाटिंग की गई है, सीधे शब्दों में भू – राजस्व संहिता के जानकार इसे अवैध कालोनी करार देते हैं।

बताया जा रहा है कि यहां भी भू – त्यजन का खेला किया गया है और जानकारी ये भी मिली है कि वार्ड नं 15 की इस अवैध कालोनी में नगर पालिका परिषद गरियाबंद द्वारा अधोसंरचना मद तथा 15 वें वित्त की राशि से सीसी रोड सह नाली निर्माण किया जाना है।

क्या कहते हैं कलेक्टर

अवैध प्लाटिंग पर कार्यवाही को लेकर नव पदस्थ गरियाबंद कलेक्टर बी.एस.उइके ने कहा कि संबंधित जमीनों का परीक्षण राजस्व अधिकारियों से कराया जायेगा, यदि कालोनाइजर लायसेंस या नगरीय निकाय की एनओसी के बगैर प्लाटिंग की गई,तो समुचित कार्रवाई की जायेगी।

मुख्य खबरें

You cannot copy content of this page