कन्या आश्रम की शिक्षिका ने आदिवासी छात्राओं को कमरे में बंद कर बुरी तरह पीटा : सामाजिक संगठनों ने जताया विरोध
गरियाबंद | जिला मुख्यालय के आदिवासी बालिका कन्या आश्रम में पदस्थ एक शिक्षिका पर आदिवासी छात्राओं से मारपीट करने के गंभीर आरोप लगे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिक्षिका शिवानी मिश्रा पर कमार जनजाति की 13 छात्राओं को कमरे में बंद कर बुरी तरह पीटने का आरोप है। आपको बता दें कि यह जनजाति भारत सरकार द्वारा संरक्षित विशेष पिछड़ी जनजाति सूचि में शामिल है और इन्हें राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माना जाता हैं।
इस घटना के सामने आने के बाद जिले में आक्रोश का माहौल है , जानकारी सामने आते ही जिले के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि कलेक्टोरेट पहुंचे और जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपा।
सामाजिक संगठनों द्वारा छात्राओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई और दोषी शिक्षिका के विरुद्ध तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
आश्रम में पसरा खौफ का साया
बताया जा रहा है कि घटना के बाद आश्रम में छात्राओं के बीच डर का माहौल बना हुआ है। बच्चियों ने न सिर्फ मानसिक रूप से खुद को असुरक्षित महसूस किया है, बल्कि वे किसी से खुलकर बात भी नहीं कर पा रही हैं। आश्रम में डर का ऐसा माहौल बन गया है, कि अनेक छात्रायें रोते हुये अपनी पीड़ा व्यक्त करने की कोशिश कर रही थीं।
संगठनों की चेतावनी
ज्ञापन सौंपने पहुंचे सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन द्वारा दोषी शिक्षिका पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो वे उग्र आंदोलन का रास्ता अपनायेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आदिवासी समुदाय की बेटियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
जांच की उठी मांग
फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से इस घटना पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, किन्तु सामाजिक संगठन के प्रतिनिधियों ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर बच्चियों को न्याय दिलाने की मांग की है।
इस तरह के मामले शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते है, सवाल उठता है कि कब तक आदिवासी बच्चों को शिक्षा के नाम पर प्रताड़ना सहन करनी होगी ? प्रशासन से उम्मीद है कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई कर आदिवासी समाज के भरोसे को कायम रखा जायेगा।







