तीन हार्डकोर माओवादियों ने हथियार सहित किया आत्मसमर्पण

किरीट ठक्कर, गरियाबंद । आज, सोमवार 10 मार्च को गरियाबंद जिला पुलिस के समक्ष तीन हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इसे जिला पुलिस बल के लिए बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में दो महिलाएं और एक पुरुष शामिल हैं। इनमें दिलीप उर्फ संतु ने ऑटोमेटिक हथियार सहित आत्मसमर्पण किया है। दिलीप ग्राम केसेकोडी, थाना कोयलीबेड़ा, जिला कांकेर (उत्तर बस्तर) का निवासी है और पिछले कुछ वर्षों से गरियाबंद जिले में सक्रिय माओवादी संगठन एसडीके एरिया कमेटी में डिप्टी कमांडर के रूप में कार्यरत था। उस पर ₹5 लाख का इनाम घोषित था।
गरियाबंद में सक्रिय एसडीके एरिया कमेटी (ACM) की सदस्य मंजुला उर्फ लखमी ने भी आत्मसमर्पण किया। वह ग्राम गोदीगुडेम, थाना गोलापल्ली, जिला सुकमा की रहने वाली है और 2016 में माओवादी संगठन में शामिल हुई थी। मंजुला पर भी ₹5 लाख का इनाम घोषित था।
तीसरी आत्मसमर्पित नक्सली महिला सुनीता उर्फ जुनकी है, जो ग्राम पोटेन, थाना जांगला, जिला बीजापुर की निवासी है। उसे 2010 में भैरमगढ़ एरिया कमेटी के एसीएम रैमोती द्वारा संगठन में शामिल कराया गया था। वह वर्षों तक ओडिशा की बरगढ़ एरिया कमेटी में सक्रिय रही। दिसंबर 2024 में उसे बरगढ़ से गरियाबंद जिले के भालुडिग्गी जंगलों में भेजा गया, जहां पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान वह बच निकलने में सफल रही थी।

हालिया मुठभेड़ और आत्मसमर्पण की पृष्ठभूमि
जनवरी 2025 के तीसरे सप्ताह में गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र के भालुडिग्गी जंगलों में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच लगातार दो दिनों तक मुठभेड़ चली थी। इस मुठभेड़ में सेंट्रल कोर कमेटी मेंबर जयराम उर्फ चलपति सहित 15 नक्सली मारे गए थे। जयराम पर ₹1 करोड़ का इनाम घोषित था।

पुलिस का बयान
गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल अशोक राखेचा ने बताया कि राज्य सरकार की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर तीन हार्डकोर नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में एडीजी विवेकानंद, आईजी अमरेश मिश्रा, सीआरपीएफ डीआईजी, और 211 बटालियन के सीईओ मौजूद रहे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी तीनों नक्सली – दिलीप, मंजुला और सुनीता – बड़े कैडर के सदस्य थे और कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहे हैं। इन तीनों पर कुल ₹15 लाख का इनाम घोषित था।