ग्रामीणों को रोजगार देने वाली करोड़ों रुपये की रिपा योजना हुई बदहाल

IMG-20241104-WA0013

कबाड़ में बदल रही है महंगी मशीनें

गरियाबंद/मैनपुर। जनपद पंचायत मैनपुर अंतर्गत भाटीगढ में रीपा योजना के तहत महिलाओ को गांव में ही रोजगार मुहैय्या कराने के लिये वर्कशॉप का निर्माण कराया गया था। यह योजना अब सफेद हाथी साबित हो रही है। पिछली कांग्रेस सरकार में इस योजना को प्रमुखता से धरातल पर लाने का प्रयास किया गया था, लेकिन कांग्रेस सरकार के जाते ही इस योजना में ताला लटक गया। पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा महिलाओं को रोजगार व आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाया गया था जिसे रीपा योजना के नाम से जाना जाता है, जिसमें ग्रामीण महिलाओं को गांव में ही छोटे -छोटे वर्क शॉप उपलब्ध कराने की योजना थी ।

इस योजना के तहत आचार, शहद, मक्का प्रोसेसिंग के साथ अनेक गतिविधियों के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने की योजना थी।

जिले के अन्य ब्लॉकों में भी फ़ेल

मैनपुर ब्लाक सहित देवभोग ब्लाक में इस योजना का यही हाल दिख रहा है। प्लान था कि इसके माध्यम से लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाये, महिला समूह के साथ ही छोटे उद्यमियों को यहां से बढ़ावा मिले, छोटे उत्पादों की सीधे मैन्युफैक्चरिंग इकाई लगाई जाये। इसे आजीविका केंद्र की तरह संचालित किये जाने का मंसूबा था, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले किंतु भूपेश सरकार के जाने के बाद इंडस्ट्रियल पार्क का बुरा हाल है।

कबाड़ में बदल रही है महंगी मशीनें

ब्लाक के इंडस्ट्रियल पार्क की मशीनें जंग खा रही है। मैनपुर विकास खंड के भाटीगढ़ सहित देवभोग ब्लाक के कदलीमुडा और अमलीपदर के रीपा सेंटर का भी यही हाल है। इंडस्ट्रियल पार्क की गतिविधियां पूरी तरह से बंद हो चुकी है कुल मिलाकर ये कहना गलत ना होगा कि ये योजना प्रदेश में बंद होने की कगार पर है ऐसे में बड़ा सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या अब इसे प्रदेश की भाजपा सरकार आजीविका केंद्र की तरह संचालित करेगी या फिर जितना निवेश पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने यहां किया है, वह पूरी तरह से बर्बाद हो जायेगा।

मुख्य खबरें