सरायपाली जनपद के 107 पंचायत सरपंचो ने किया शंखनाद : पंचायत कार्यों में तथाकथित नेताओं/ ठेकेदारों का दखल बंद किया जाये…

सरायपाली क्षेत्र में सामूहिक सुनियोजित भ्रष्टाचार और आधिकारिक गठजोड़ की वजह से पंचायतों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है…

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जनपद पंचायत में सरपंचों का उग्र प्रदर्शन

सुनील महापात्र,सरायपाली। जनपद पंचायत सरायपाली की सरपंच संघ की अहम बैठक बुधवार नई मंडी प्रांगण में रखी गई थी, जिसमें सरायपाली क्षेत्र के सभी 107 पंचायतों के सरपंच उपस्थित हुये, बैठक में अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई, जिनमें प्रमुख रूप से ग्राम पंचायतों की मूलभूत सुविधाओं पर विशेष चर्चा की गई।

बहुत से सरपंचों ने बताया कि 6 महीने हो गये हैं, अब तक पंचायतों को 15 वें वित्त की राशि प्राप्त नही हुई है, नियमतः अब तक 16 वें वित्त की राशि जारी हो जाना था। राशि नही मिलने से ग्रामीण स्तर के कार्यों में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है, सरपंचों को बेहद मुश्किलों परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

इधर लगभग सभी पंचायतों में प्रधानमंत्री नल जल योजना का कार्य अधुरा पड़ा है, जिससे ग्रामीणों के सम्मुख पेयजल की समस्या आन खड़ी हुई है।

सरपंचों की मांग है कि उनके मानदेय में वृद्धि की जाये, वर्तमान में मिल रहा मानदेय नाममात्र का है। कुछेक सरपंचों ने बताया कि भूपेश सरकार ने सरपंचों का मानदेय बढ़ाया था,अब भाजपा सरकार से भी उन्हें उम्मीद है कि माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय उनकी बात सुनेंगे और सरपंचों का मानदेय न्यूनतम 10000 रु प्रति माह करेंगे।

सरायपाली क्षेत्र के बहुत से सरपंचों ने बताया है कि पंचायत क्षेत्रों में निर्माण कार्य, दबाव पूर्वक कुछ स्थानीय के साथ साथ बाहरी तथाकथित नेताओं और ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है, इसके लिये कभी- कभी डर का माहौल भी बनाया जाता है, उन्होंने मांग की है कि इस भयादोहन और दबाव की नीति के तहत पंचायत के विकास कार्यों में बाहरी लोंगो की दखल अंदाजी बंद की जाये।

वैसे पंचायत क्षेत्र में निर्माण कार्यो की एजेंसी ग्राम पंचायत ही होती है, किन्तु आधिकारिक सांठगांठ, मिलीभगत और तथाकथित नेताओं/ ठेकेदारों का गठजोड़ पंचायतों में हावी है, जिससे सरपंचों व ग्रामीणों के बीच नाराजगी व्याप्त होने लगी है, जिसका कारण आधे अधूरे और स्तरहीन निर्माण कार्य हैं।

सरायपाली क्षेत्र में सामूहिक सुनियोजित भ्रष्टाचार और आधिकारिक गठजोड़ की वजह से पंचायतों के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। कुछ सरपंचों ने दबी जुबान से कहा कि भयपूर्ण वातावरण की वजह से अनेक अधूरे पड़े निर्माण कार्यों, साथ ही गुणवत्ताहीन विकास कार्यों की शिकायत के लिये कोई आगे नही आ रहा है।

सरपंचों ने यह भी मांग की है कि राशन कार्ड और पेंशन योजना के पोर्टल जल्दी खोले जायें, जिससे पात्र हितग्राहियों को योजना का लाभ मिल सके, सभी सरपंचों ने एकजुट होकर इन मुद्दों पर आवाज उठाई है और सरकार से मांग की है कि उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाये।

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