
जिन नागरिकों के टैक्स से पलते है उन्हें ही घुड़की …ज्यादा होशियारी मत दिखाओ
गरियाबंद / छुरा । जिले में नौकरशाहों की मनमानी चरम पर है, दुखद पहलू ये है कि यहां ननकीराम जैसा कोई नेता नही है। इस जिले के कलेक्टर जहां जनदर्शन में पहुंचे आम फरियादियों से दुर्व्यवहार करते घुड़की दे रहे हैं वही दूसरी तरफ एक प्रभारी जनपद सीईओ की मनमानी का मामला भी प्रकाश में आ रहा है। उक्त अधिकारी के द्वारा हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना की जा रही है।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर के स्पष्ट आदेश के बावजूद छुरा जनपद पंचायत के प्रभारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) सतीश चन्द्रवंशी ने न्यायालय की अवमानना करते हुये अवैधानिक नियुक्ति को वैध ठहराकर मनमानी की मिसाल पेश की है।
दरअसल, यह पूरा मामला जनपद पंचायत छुरा के सहायक ग्रेड- 3 के एकमात्र स्वीकृत पद से जुड़ा है। इस पद पर पूर्व में पदस्थ पुनेश्वर सेन की सेवा समाप्त कर 1 अक्टूबर 2024 को नागेश साहू को नियुक्त कर दिया गया था। पुनेश्वर सेन ने सेवा समाप्ति की कार्रवाई के खिलाफ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, और न्यायालय ने नागेश साहू की नियुक्ति को अवैधानिक करार देते हुये पुनेश्वर सेन की सेवा बहाल करने का आदेश दिया।
किन्तु हाईकोर्ट का आदेश आने के आठ माह बाद भी प्रभारी सीईओ सतीश चन्द्रवंशी ने अदालत के आदेश का पालन करना जरूरी नही समझा।
उन्होंने न केवल पुनेश्वर सेन को बहाल करने से इनकार कर दिया,बल्कि नागेश साहू की नियुक्ति को वैध बताते हुये आज भी सेवा में बनाये रखा है।
इस मामले में जिला पंचायत गरियाबंद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जी.आर.मरकाम ने शासकीय पत्र क्रमांक 1824/20/06/25 के माध्यम से आयुक्त, आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग, इंद्रावती भवन, अटल नगर रायपुर को प्रतिवेदन भेजा है।
जिसमें उन्होंने साफ लिखा है कि प्रभारी सीईओ सतीश चन्द्रवंशी ने उच्च न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया, जिससे वह छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 व 1966 के तहत दंडनीय अपराध के दोषी हैं।
इस सबके बावजूद जनता केवल उचित कार्यवाही के इंतज़ार में है, दूसरी तरफ ऐसे नौकरशाहों की वजह से ना सिर्फ प्रदेश स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रदेश शासन की फ़जीहत हो रही है।