
किरीट ठक्कर, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ में नक्सल आंदोलन पूरी तरह समाप्ति की कगार पर है। राज्य शासन की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति और शांति, संवाद व विकास पर केंद्रित निरंतर प्रयासों के परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर सहित नक्सल प्रभावित अन्य जिलों में नक्सल विरोधी अभियान को लगातार सफलता मिल रही है।
इसी कड़ी में गरियाबंद जिले में सक्रिय उदंति एरिया कमेटी के कामरेड सुनील की आत्मसमर्पण के लिये की गई अपील आज सार्वजनिक हो रही है।

सुनील ने अपने साथियों को पत्र जारी कर हथियार सहित आत्मसमर्पण की अपील की है। उसने लिखा है कि फोर्स का दबाव बढ़ गया है, आज की परिस्थिति में सशस्त्र आंदोलन चलाना मुश्किल है। इसलिये हमारी उदंति टीम गरियाबंद में सशस्त्र आंदोलन को विराम करने जा रही है।
सुनील ने 16 अक्टूबर 2025 को महाराष्ट्र में 61 माओवादियों के हथियार सहित आत्मसमर्पण का भी जिक्र किया है। इसके साथ ही 17 अक्टूबर बस्तर में शीर्ष माओवादी रूपेश दादा उर्फ सतीश के साथ 210 नक्सलियों के आत्मसमर्पण का भी उल्लेख किया है।
आपको बता दें कि गरियाबंद व धमतरी जिले सहित ईन जिलों से लगी ओडिसा सीमा क्षेत्र में सत्यम गावड़े और सुनील के नक्सली गुट के सक्रिय रहने की चर्चा होती रही थी। इसमें से सत्यम गावड़े सितम्बर माह में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। उसकी पत्नी जानसी उर्फ वछेला मटामी ने गरियाबंद पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। एक चर्चा ये भी होती रही कि मुठभेड़ों में उदंति एरिया कमेटी के मेम्बर अधिक संख्या में मारे गये,अब सुनील आत्मसमर्पण की राह पर है। उसने इस क्षेत्र में सक्रिय सभी माओवादी गुट गोबरा, सीनापाली, एसडीके, सीतानदी से पूरे दलम और हथियार सहित आत्मसमर्पण की अपील की है।
सुनील की इस अपील पर गरियाबंद में 20 अक्टूबर 2025 को बड़ी संख्या में नक्सलियों के आत्मसमर्पण की संभावना है।
इधर पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने नक्सलियों की इस अपील को स्वागत योग्य बताया है। उन्होंने सुनील के पत्र को सकारात्मक पहल बताया है। एस पी राखेचा ने भी अपनी ओर से इस क्षेत्र के सभी माओवादियों से आत्मसमर्पण की अपील की है और सीधे संपर्क के लिये अपना मोबाईल नम्बर जारी किया है।