“लाल बंगला” में पुलिस की दखल : भुंजिया समाज आहत, 3 अक्टूबर को गांधी मैदान में विराट धरना-प्रदर्शन

पुलिस पर जबरन घर में घुसकर अपराध के लिये उकसाने का आरोप…

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गरियाबंद। जिले में एक पुलिस कार्रवाई के नाम पर भुजिया समाज की आस्था को गहरी ठेस पहुंचाई गई है,मामला थाना-फिंगेश्वर क्षेत्र का है, जहाँ समाज के मुताबिक महिला पुलिस ने उनके पवित्र स्थल “लाल बंगला” (देवस्थल रसोई घर) को अपवित्र कर दिया। इस घटना से समाज में आक्रोश की लहर है और अब यह मामला सड़कों तक पहुँच चुका है। समाज ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि “अगर सम्मान और न्याय नहीं मिला, तो आंदोलन की आग और भड़क सकती है।”

लाल बंगला: आस्था और परंपरा का प्रतीक 

लाल बंगला                                                            भुंजिया समाज की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा में “लाल बंगला” का विशेष स्थान है। यह रसोई घर ही नहीं बल्कि देवस्थान है, जहाँ पीढ़ियों से पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठान होते आये हैं। समाज इसे अपवित्र करना अपनी आत्मा को चोट पहुँचाने के बराबर मानता है। यही कारण है कि इस स्थल को छत्तीसगढ़ शासन भी सम्मान देता है।

घटना जिसने भड़काया विवाद

भुजिया समाज के अध्यक्ष ग्वाल सिंह सोरी और सचिव खगेश्वर भूंजिया द्वारा कलेक्टर को दी गई जानकारी के अनुसार, 13 अगस्त 2025 को ग्राम फुलझर निवासी नंद कुमार (पिता समारू राम) के घर में थाना-फिंगेश्वर की महिला पुलिस जबरन घुस गई। आरोप है कि पुलिस ने लाल बंगला को छुआ, जिसके बाद पूरे परिवार को मानसिक प्रताड़ना दी गई और अपराध करने के लिए उकसाने की कोशिश की गई।

परिवार ने मामले की शिकायत थाना-फिंगेश्वर में दर्ज कराई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस की चुप्पी और प्रशासन की उदासीनता ने इस विवाद को और गहरा कर दिया है।

समाज का आक्रोश 

भुजिया समाज के नेताओं का कहना है कि यह केवल एक परिवार का मामला नहीं बल्कि पूरे समाज की धार्मिक भावनाओं का अपमान है। समाज के ब्लॉक उपाध्यक्ष कार्तिकराम ने साफ कहा – हमारी आस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। लाल बंगला हमारी पहचान है, इसे अपवित्र करने वाले पुलिसकर्मियों पर तत्काल सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अगर प्रशासन ने अब भी चुप्पी साधी तो आंदोलन और तेज होगा।”

समाज ने ऐलान किया है कि 3 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को गरियाबंद जिला मुख्यालय के गांधी मैदान में एक दिवसीय विराट धरना-प्रदर्शन किया जायेगा। इस दौरान हजारों की संख्या में समाज जन जुटेंगे और मुख्यमंत्री व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा।

प्रशासन के लिए चुनौती

यह मामला अब प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन चुका है। एक तरफ आस्था का प्रश्न है, दूसरी ओर पुलिस पर सीधे-सीधे गंभीर आरोप हैं।

* क्या पुलिस ने वाकई लाल बंगला को अपवित्र किया ?
* अगर किया, तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई क्यों नहीं हुई ?
* और अगर आरोप गलत हैं, तो प्रशासन अभी तक खुलकर सफाई क्यों नहीं दे रहा ?

इन सवालों ने जिला प्रशासन को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है।

धरना-प्रदर्शन के संभावित असर

विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला केवल गरियाबंद जिले तक सीमित नहीं रहेगा। भुजिया समाज की उपस्थिति पूरे प्रदेश में है और आस्था से जुड़े मुद्दे तेजी से उग्र रूप लेते हैं। अगर प्रशासन ने समय रहते ठोस कदम नहीं उठाये तो यह आंदोलन राज्यव्यापी लहर का रूप भी ले सकता है।

समाज की आवाज – कुर्सी खाली करो

3 अक्टूबर को धरना-प्रदर्शन में उठने वाले नारे पहले ही तय हो चुके हैं – आस्था पर वार, अब नहीं स्वीकार, लाल बंगला हमारी आत्मा है।, सम्मान दो, न्याय दो, वरना कुर्सी खाली करो।

इन नारों के साथ भुजिया समाज की आवाज 3 अक्टूबर को गांधी मैदान से गूँजने वाली है।

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