अल्पसंख्यकों ने 5 सूत्रीय मांगों के साथ सौंपा ज्ञापन : कांकेर जिला प्रशासन पर गंभीर सवाल

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युवा मंच के संयोजक नरेंद्र भवानी ने किया सभा को संबोधित
साजु चाको, कांकेर। जिले में ईसाई समुदाय से जुड़ी हालिया बेहद शर्मनाक एवं कायराना घटनाओं को लेकर अल्पसंख्यकों ने कड़ी आपत्ति जताई है। शुक्रवार को कांकेर जिलाधिकारी को एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें समुदाय ने संविधान प्रदत्त अधिकारों की रक्षा करने की मांग की है। ज्ञापन में 5 प्रमुख मुद्दे उठाये गये हैं जो प्रशासनिक कार्यशैली और धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े हुये हैं।
जामगांव कांड : धार्मिक भावनाओं को आहत पहुंचाया गया
ज्ञापन में सबसे पहले ग्राम जामगांव की घटना का उल्लेख किया गया है, जिसमें एक ईसाई व्यक्ति सोमलाल राठौड़ के शव को उसकी वैध भूमि पर दफनाये जाने के बाद कथित प्रशासनिक एवं कुछ उपद्रवी तत्वों के दबाव में शव को कब्र से बाहर निकालने की कार्यवाही की गई। पीड़ितों का आरोप है कि एसडीएम, तहसीलदार और डीएसपी ने मृतक के परिवार और चर्च के पादरी पर लगातार दबाव बनाया और यहां तक कि चर्च को गिराने की धमकी तक दी गई, जो कि काफी शर्मनाक बात है।
चर्च पर हमला, प्रशासन मौन ?
प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि गांव के कुछ उपद्रवियों ने चर्च और पादरी के घर पर हमला कर दिया, सामान फेंका दिया गया और तोड़फोड़ की और वहां उपस्थित लोगो से अभद्र व्यवहार किया गया – लेकिन स्थानीय प्रशासन मौन और मुक दर्शक बना रहा, सवाल उठाया गया है कि दोषियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
दुर्ग स्टेशन प्रकरण : महिला पुलिस पर बदसलूकी का आरोप,
ज्ञापन में दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों की गिरफ्तारी का मामला भी प्रमुखता से उठाया गया, आरोप है कि बजरंग दल के दबाव में ननों को झूठे आरोप में पकड़ा गया और एक महिला – ज्योति शर्मा – ने सार्वजनिक रूप से ननों को अपमानित किया, मारपीट, अभद्र गालियाँ दीं और धमकी दी, प्रतिनिधियों ने मांग की कि उसके खिलाफ IPC की धारा 504 और 506 के तहत FIR दर्ज की जाए।
कब्रिस्तान की मांग, कुडाल गांव में ‘एंट्री बैन’ बोर्ड पर ऐतराज़
तीसरे और चौथे बिंदु में जिले में ईसाई समुदाय के लिये कफन दफन स्थल की कमी और कुडाल गांव में लगाये गये ‘ईसाई समुदाय का प्रवेश वर्जित’ बोर्ड का मुद्दा उठाया गया। प्रतिनिधियों ने मांग की है, कि कांकेर के आसपास 10 एकड़ भूमि कब्रिस्तान हेतु आबंटित की जाये और कुडाल पंचायत के सरपंच पर पेसा कानून व पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 के तहत कार्रवाई हो।
झूठे धर्मांतरण आरोप, ननों की रिहाई की मांग
पांचवें बिंदु में दुर्ग स्टेशन में गिरफ्तार ननों के खिलाफ लगाये गये आरोपों को ‘झूठा और मनगढ़ंत’ बताते हुये उनकी तत्काल रिहाई की मांग की गई है।
ज्ञापन के साथ साक्ष्य भी सौंपे
ज्ञापन के साथ कुडाल गांव में लगाये गये प्रतिबंधात्मक बोर्ड की तस्वीरें भी सलग्न की गईं हैं। प्रतिनिधियों ने चेताया कि यदि प्रशासन ने इन गंभीर मुद्दों पर शीघ्र संज्ञान नहीं लिया तो समुदाय जनआंदोलन के लिये बाध्य होगा।
इस रैली को संबोधित करते हुये युवा मंच के आयोजक नरेंद्र भवानी ने भी इन ज्वलंत मुद्दों को उठाया और जय सविधान के नारे लगाये । रैली में शामिल होने बालोद, धमतरी, जगदलपुर, कोंडागांव, नारायणपुर एवं अन्य जिलों और गांवों से बड़ी संख्या में मसीह समुदाय के अधिसंख्य लोग पहुंचे थे।