धमतरी – गरियाबंद सीमांत क्षेत्र में रेत चोर सक्रिय : रात के अंधेरे में गौण खनिज का अवैध उत्खनन और परिवहन

गरियाबंद। जिले में इस समय खनिज विभाग से एक भी स्वीकृत रेत घाट नही है, बावजूद इसके रात भर गौण खनिज रेत से भरी हाईवा दौड़ती रहती है।
जिले के राजिम फिंगेश्वर क्षेत्र के अलावा पिछले कई दिनों से धमतरी – गरियाबंद जिले के सीमा क्षेत्र से रेत का अवैध खनन और परिवहन किया जा रहा है।
ना इधर का डर ना उधर से कार्यवाही
गरियाबंद जिले के मोहेरा पुल के पास दोनो जिलों की सीमा है। यहां सोंढूर और पैरी नदी का संगम है। इसी वजह से यहां रेत भारी मात्रा में है। ग्राम मोहेरा धमतरी जिले का दूरस्थ सरहदी क्षेत्र पड़ता है, जिला मुख्यालय से काफ़ी दूर है, इसीलिये उधर से रात में कार्यवाही का डर नही है। इधर गरियाबंद जिले का भी ये सीमांत इलाका है। इधर के अफसर यदि कार्यवाही के नाम पर सीमा क्षेत्र में पहुंचते हैं तो रेत चोरों को पुल में खड़ा खबरी सूचना पहुंचा देता है, सूचना मिलते ही नदी से चैन माउंटिंग मशीन निकाल कर धमतरी जिले की ओर जंगल में छुपाने की कोशिश की जाती है। इस तरह सीमा क्षेत्र का फायदा रात में रेत चोर उठा रहे हैं।
गरियाबंद में एक भी खदान स्वीकृत नही
जिला खनिज अधिकारी एफ आर नागेश के अनुसार इस समय जिले में एक रेत खदान स्वीकृत नही है। किंतु रात भर अवैध रेत का परिवहन हो रहा है। जिले की सड़कों पर रात भर रेत से भरी हाईवा दौड़ती रहती है।
पिछले एक दो दिनों से राजिम और फिंगेश्वर क्षेत्र में रेत के अवैध खनन पर लगातार कार्यवाही की जा रही है। इसके बाद भी अवैध उत्खनन कर्ताओं का हौसला बढ़ा हुआ है। अधिकारी जब राजिम फिंगेश्वर में कार्यवाही करते हैं तब गरियाबंद मुख्यालय के आस पास रेत चोर सक्रिय हो जाते हैं।