किसान वृक्ष मित्र योजना : 29 हजार कृषकों की 43 हजार 955 एकड़ भूमि पर 2 करोड़ 82 लाख से अधिक पौधों का रोपण

तेंदूपत्ता 4 हजार रुपये से बढ़कर 5500 रु प्रति मानक बोरा
कृषकों की 5 एकड़ तक की भूमि में निशुल्क 5 हज़ार पौधे लगाकर दिये जायेंगे
वन विभाग में सुशासन का एक वर्ष
गरियाबंद। छत्तीसगढ़ सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर वन विभाग द्वारा गांव-गांव में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर सरकार की उपलब्धियां की जानकारी दी जा रही है। इस जानकारी के माध्यम से बतलाया जा रहा है की छत्तीसगढ़ सरकार अपने गठन के साथ ही आम जनों के खुशहाली और उन्नति के लिये शासन की विभिन्न योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है।
आमजन शासन की जनहित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें, इसके लिये गरियाबंद जिले के वन विभाग द्वारा लघु वनोपज संघ के विभिन्न सदस्य ,पदाधिकारी व शासकीय अधिकारियों की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी दी गई।
तेंदूपत्ता संग्रहण राशि में वृद्धि
जिले की प्रत्येक वन प्रबंधन समिति में “वन चौपाल, पौधा वितरण (वृक्षारोपण) वन मितान जागृति एवं वनमंडल स्तर पर संगोष्ठी का आयोजन कर, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग अंतर्गत संचालित जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी आमजनों को दी गई। वन विभाग अंतर्गत कार्यरत वन प्रबंधन समिति, जैव विविधता प्रबंधन समिति, स्व सहायता समूह एवं अन्य वन हितग्राहियों की उपस्थिति में वन चौपाल कार्यक्रम आयोजित कर “सुशासन के एक वर्ष की उपलब्धि” की जानकारी दी गई। इसमें प्रमुख रूप से तेंन्दूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा राशि 4000 से बढ़ाकर 5500 रूपये किये जाने की जानकारी दी गई।
किसान वृक्ष मित्र योजना
किसान वृक्ष मित्र योजना अंतर्गत कृषकों को 05 एकड़ तक की भूमि पर निःशुल्क 5000 पौधे लगाकर दिये जाने की जानकारी दी गई ,इस योजनातंर्गत अब तक लगभग 29,077 कृषकों के 43,955.13 एकड़ भूमि में 2,82,35,894 पौधे लगाये गये हैं।वन प्रबंधन समितियों के खाते में उपलब्ध राशि के माध्यम से व्यक्तित्व विकास, सशक्तिकरण एवं रोजगार मूलक कार्य हेतु राशि दी गई।
वन अधिकार पत्रों का वितरण जारी
वन क्षेत्र के हितग्राहियों को पात्रतानुसार वन अधिकार पत्रों का वितरण किया जा रहा है। वन प्रबंधन समिति एवं वन सुरक्षा समिति अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूहों को व्यक्तिगत आय सृजन / रोजगार के संसाधन उपलब्ध कराने हेतु चक्रीय निधि के माध्यम से 4 प्रतिशत ब्याज दर से ऋण दिया जा रहा है।
एक पेड़ माँ के नाम
“एक पेड़ मां के नाम” कार्यक्रम अंतर्गत प्रत्येक व्यक्त्ति को एक पौधा लगाने हेतु जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
वन्यप्राणियों से जनहानि पर क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि में वृद्धि
वन प्रबंधन समितियों एवं समस्त ग्रामवासियों द्वारा मानव-हाथी द्वंद को रोकने संबंधी सुझाव प्राप्त कर हिंसक वन्यप्राणियों यथा शेर, तेंदुआ, भालू, लकड़बग्घा, भेड़िया, जंगली सुअर, गौर, जंगली हाथी, जंगली कुत्ता, मगरमच्छ, घड़ियाल, वन भैसा एवं सियार के द्वारा क्षति पहुंचाने की दशा में वन विभाग द्वारा दी जा रही क्षतिपूर्ति मुआवजा राशि बढा कर ,जनहानि (मृत्यु होने पर) 6 लाख, स्थायी रूप से अपंग होने पर 2लाख,जनघायल होने पर 59,100/- (अधिकतम सीमा तक) की मुआवजा राशि दी जा रही है।
वन्य प्राणियों से पशु एवं फसल हानि पर …..
पशु हानि होने पर 30 हजार तक) मुआवजा राशि दिया जाना है। फसल हानि होने पर 9 हजार प्रति एकड़ मुआवजा राशि दी जा रही है। आपको बता दें कि पूर्व दरों में बढ़ोत्तरी की गई है।
वन विभाग द्वारा समस्त वन प्रबंधन समिति के सदस्यों की उपस्थिति में ,नर्सरी में उपलब्ध फलदार पौधों का वितरण तथा प्रत्येक ग्रामों के किसानों की बाड़ी में वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। शासकीय स्कूलों के छात्र/छात्राओं के लिए एक दिवस का वन मितान “जागृति” कार्यक्रम आयोजित किया गया। सुशासन के एक वर्ष पूर्ण होने पर वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जिला लघु वनोपज संघ के अध्यक्ष कल्याण सिंह कपिल, वन सभापति धनमती बाई, सुखचंद कमार श्यामलाल, दयाराम नागेश, आदि उपस्थित रहे।