सुशासन तिहार : सीनापाली समाधान शिविर, ना जनता ना जिले के अधिकारी …. खाली कुर्सियां बनी चर्चा का विषय

गरियाबंद / देवभोग। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रदेशभर में सुशासन त्यौहार के तहत चल रहे संवाद से समाधान शिविरों की शुरुआत भले ही जनहित को ध्यान में रखकर की गई हो, लेकिन गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लाक के ग्राम सीनापाली में पांच मई को आयोजित प्रथम समाधान शिविर की तस्वीर कुछ अलग नजर आ रही थी।

इस शिविर में जनता की समस्यायें सुनने पहुंचे स्थानीय अधिकारी और जनप्रतिनिधि खाली कुर्सियों के बीच बैठकर समाधान का इंतजार करते रह गये। शिविर में कुल 167 मांग पत्र और चार शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से केवल 24 मांगों का तत्काल निराकरण हो सका और सिर्फ दो शिकायतें मौके पर निराकृत की गई। शेष 143 मांगें और दो शिकायतें लंबित रह गईं। अधिकांश आवेदन राजस्व विभाग और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित थे, जबकि कुछ विभागों से तो एक भी शिकायत प्राप्त नही हुई।
सीनापाली हाई स्कूल प्रांगण में आयोजित इस शिविर में 10 ग्राम पंचायतों की समस्याओं का समाधान किया जाना था, किन्तु शिविर में ना जनता जनार्दन की रुचि दिखाई दी और ना वरिष्ठ जिला अधिकारियों ने यहां उपस्थित होना जरूरी समझा, बताया जाता है कि वनमंडलाधिकारी गरियाबंद पीएमजीएसवाय के ई ई, सीएमएचओ, पीएचई के प्रमुख अभियंता जैसे जिला अधिकारियों ने जिले में प्रथम आयोजित संवाद से समाधान शिविर में आना जरूरी नहीं समझा।
लोगों की बेहद कम उपस्थिति ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या जनता अब ऐसे आयोजनों से जुड़ाव महसूस नहीं कर रही।
वैसे इस शिविर को लेकर स्थानीय भाजपा नेता और पंचायतों स्तर के नव निर्वाचित जनप्रतिनिधि बड़े उत्साह के साथ मौजूद थे, किन्तु 250 से कम आम लोगों की उपस्थिति ने उन्हें भी निराश किया होगा।
भरी गर्मी में खाली पड़ी कुर्सियां, सीमित संख्या में जनता और वरिष्ठ अधिकारियों की गैर मौजूदगी के बीच सम्पन्न हुआ यह शिविर एक अधूरे संवाद की तस्वीर पेश करता रहा।
सम्भवतः शिविर का प्रचार प्रसार ठीक ढंग से नही हो पाया, या फिर अब जनता को विश्वास नहीं रहा कि ऐसे शिविरों में उनकी बात सुनी जायेगी। कुछ लोग ऐसे आयोजनों को सिर्फ खानापूर्ति बताते भी मिल जाते हैं।