ईलाज के नाम पर धर्मांतरण, फिर बर्बरता ….फिर मौत …और गिरफ्तारी

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गरियाबंद / राजिम। चमत्कारिक उपचार के नाम पर एक युवती के साथ धार्मिक मानसिक और शारीरिक क्रूरता का बेहद गंभीर और दुखदाई मामला सामने आया है।
विचलित करने वाला तथ्य ये है कि मृतिका मानसिक अस्वस्थ युवती को उसके परिजनों ने ही बर्बर हाथों में सौप दिया और युवती विगत कई दिनों तक प्रताड़ना से पीड़ित रही जबकि परिजन चुप्पी साधे रहे। इस चुप्पी ने उसका दम तोड़ दिया।
छाती में चढ़कर पैरों से मालिश, टूटी पसली की हड्डियां : महिला ही महिला की दुश्मन
रायपुर पंडरी निवासी हालिया मुकाम महासमुंद पचेड़ा की प्रार्थिया सुनीता सोनवानी के द्वारा राजिम थाने में 22 मई 2025 को रिपोर्ट दर्ज कराई गई कि मेरी पुत्री की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने से ग्राम सुरसाबाँधा निवासी
ईश्वरी बाई साहू के पास पूजापाठ के माध्यम से उसका उपचार करवा रही थी।
आरोपी महिला ईश्वरी साहू के द्वारा प्रार्थिया की पुत्री को अपने घर सुरसाबांधा में रख कर उपचार के बहाने डरा धमका कर ईसाई धर्म अपनाने के लिये प्रेरित करती थी। आरोपी महिला पीड़िता के उपर आर्युवेदिक उपचार के बहाने चमत्कारी तेल और गरम पानी डालकर अपने पैरो से मृतिका के सीने को मसलती थी और ईसाई धर्म का प्रार्थना करवाती थी।
प्रार्थिया की रिपोर्ट पर प्रथम दृष्टिया अपराध धारा छ.ग. धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2006 की धारा 4 व औषधी और चमत्कारिक उपचार (आक्षेपणीय विज्ञापन) अधिनियम 1954 की धारा 7 का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। उपचार दौरान पीड़िता की मृत्यु होने से थाने में मर्ग कायम कर शार्ट पीएम रिपार्ट प्राप्त किया गया। पीएम रिपार्ट में पसली की हड्डी टुटने एवं दबाव के कारण मृत्यु होना लेख किया गया है। जिस पर धारा 105 बीएनएस एक्ट जोडी गई।
इस प्रकार गम्भीर मामले की सूचना मिलते ही गरियाबंद पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुए तत्काल गंभीर धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर आरोपी महिला ईश्वरी साहू पति सेवक राम साहू उम्र 41 वर्ष निवासी सुरसाबांधा थाना राजिम जिला गरियाबंद को समक्ष गवाहन के विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है।