अब नही आयेगा बिजली का ‘ बिल , : उपभोक्ताओं को नही लगेगा झटका

रायपुर ( सूत्र )। अभी कुछ दिनों पहले बिहार के औरंगाबाद जिले के ग्रामीण को मिला 3 करोड़ 7 लाख 77 हजार रुपये का बिजली बिल समाचार पत्रों की सुर्खियों में रहा है, दाउदनगर प्रखंड के ममरेजपुर निवासी दीपक कुमार वर्मा को जब एक महीने का करोडों रुपयों का बिजली बिल मिला तब वे परेशान हो गये।
इसी प्रकार की एक दूसरी घटना भी सामने आई है, सरिया के एफसीआई रोड पर निवासरत मुक्ता स्वर्णकार, एक साधारण परिवार की महिला है, जिनका गुजर -बसर बहुत मुश्किल से होता है, दो कमरे के मकान में रहने वाले इस परिवार को 02 लाख 62 हजार का बिजली का बिल भेज दिया गया।
मुक्ता के अनुसार उनका बिजली कनेक्शन न. डीआर 00524 है जो कि भाई गणेशराम के नाम है , इतनी अधिक राशि का बिजली बिल देखकर परिवार मानसिक रूप परेशान हैं।
अक्सर इस तरह की वाकये आपने अखबारों या अन्य समाचार माध्यमों से देखे सुने होंगे, हो सकता है आप में से कुछ लोगों को इस तरह की समस्याओं का सामना भी करना पड़ा हो, पर अब निश्चिंत रहिये भविष्य में इस तरह की अनअपेक्षित घटनाओं / समस्याओं पर विराम लगने वाला है।
ऐसी संभावना है कि छत्तीसगढ़ में जून से बिजली का बिल नही आने वाला है। जून 2025 से बिजली उपयोग की एक नई व्यवस्था लागू होने जा रही है, जिसमें उपभोक्ताओं को पहले बिजली का रिचार्ज कराना होगा और इसके बाद ही वे बिजली का उपयोग कर पाएंगे।
अब तक विद्युत उपभोक्ता मीटर रीडिंग के आधार पर महीने में बिजली बिल का भुगतान करते थे , अनेको बार इसमें गड़बड़ियां भी सामने आती रही है। किन्तु अब बिजली बिल की भुगतान प्रणाली को पूरी तरह से बदल दिया जायेगा ।
नयी व्यवस्था प्रीपेड स्मार्ट मीटर के जरिये संचालित होगी , जो उपभोक्ताओं को अधिक पारदर्शिता और नियंत्रण प्रदान करेगी ।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर की कार्य प्रणाली बहुत ही सरल और स्वचलित होगी। उपभोक्ताओं को अब मीटर को रिचार्ज करना होगा, जैसे वे अपने मोबाइल फोन का रिचार्ज करते हैं।
इस मीटर का खास फायदा यह होगा कि इसमें मैनुअल रीडिंग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। हर उपभोक्ता की बिजली खपत का डेटा सीधे मीटर से जुड़ी प्रणाली में रिकॉर्ड होगा, जिससे किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना न के बराबर रहेगी। रिचार्ज की राशि खत्म होने पर बिजली का प्रवाह स्वतः बंद हो जायेगा। वैसे रिचार्ज खत्म होने से पहले उपभोक्ताओं को उनके मोबाइल फोन पर रिचार्ज के लिये संदेश प्राप्त होगा, जिससे वें समय पर रिचार्ज कर सकेंगे।
इस नये सिस्टम का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि उपभोक्ताओं को समय पर और सही जानकारी मिलेगी। उन्हें बिल के बजाय सीधे अपने रिचार्ज बैलेंस के आधार पर बिजली का उपयोग करना होगा। इससे उपभोक्ताओं को अपनी बिजली खपत पर बेहतर नियंत्रण मिलेगा और उनकी बिलिंग प्रक्रिया भी पारदर्शी हो जायेगी।
स्मार्ट मीटर से ऊर्जा की खपत की वास्तविक स्थिति का पता चल सकेगा, और गलत बिलिंग की संभावना बहुत कम होगी।
छत्तीसगढ़ के किसानों के लिये कोई बदलाव नही
सेंट्रल गवर्मेंट की आरडीएसएस योजना के तहत, छत्तीसगढ़ के किसानों को इस प्रीपेड स्मार्ट मीटर प्रणाली से बाहर रखा गया है। किसानों के लिये बिजली के उपयोग में कोई बदलाव नहीं होगा और उन्हें यह प्रीपेड मीटर नहीं दिये जायेंगे । जबकि शहरी और ग्रामीण उपभोक्ताओं के घरों में यह स्मार्ट मीटर लगभग लगाये जा चुके हैं।
छत्तीसगढ़ में स्मार्ट मीटरों की स्थापना में महत्वपूर्ण प्रगति का आंकलन किया गया है । छत्तीसगढ़ प्रदेश स्मार्ट मीटर लगाने के मामले में देश में तीसरे स्थान पर है। अनुमान है कि राज्य के सभी क्षेत्रों में स्मार्ट मीटर की व्यवस्था इस वर्ष के अंत तक पूरी हो जायेगी।
यह योजना बिजली वितरण क्षेत्र को दुरुस्त करने के लिये, केंद्र सरकार की रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) का हिस्सा है